नववर्ष पर नवसंकल्प…
नववर्ष २०११ आपके लिए मंगलमयी हो! हार्दिक बधाईयां एवं शुभकामनाएं!!
एक और नया वर्ष हमें कुछ और नया करने का सन्देश लेकर आ चुका है। हमने पिछले वर्ष में क्या खोया और क्या पाया, इसका आकलन हम सब कर ही चुके हैं। यह वक्त पिछले वर्ष की उपलब्धियों की खुशियों में मशगुल होने अथवा कड़वे अनुभवों की टीस को ताजा करने का है।
यह वक्त है प्रगतिपथ पर निरन्तर आगे बढ़ते रहने के लिए नई कारगर योजना बनाने का और उसको सफलता के मुकाम तक पहुँचाने के लिए अचूक रणनीति तैयार करने का। समय की प्रबल मांग है कि हम नए वर्ष पर कुछ ऐसे दृढ़ संकल्प लें, जो हमें और हमारे पूरे समाज व राष्ट्र को प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसित करने में अह्म भूमिका निभाएं।
आओ हम सब मिलकर नववर्ष पर दृढ़ संकल्प लें कि….
हम जो भी काम करेंगे वो पूरी ईमानदारी, लगन, निष्ठा एवं समर्पित भावना के साथ करेंगे।
हम हर काम पूरे उत्साह और जोश के साथ करेंगे।
हम ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिससे हमारे परिवार, समाज व राष्ट्र के मान-सम्मान पर कोई दाग लगे।
हम अपनी निजी स्वार्थ भावनाओं का परित्याग करके अपने अन्दर पैदा होने वाले झूठ, बेईमानी, छल-कपट व फरेब जैसे अवगुणों पर अंकुश लगाएंगे।
हम अहिंसा का पालन करेंगे और कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेंगे जो दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए अथवा जिससे दूसरों को शारीरिक व मानसिक कष्ट हो।
हम अपने अन्दर परोपकार की भावना का अधिकाधिक समावेश करेंगे, ताकि मानवता का साम्राज्य सुदृढ़ हो सके।
हम दीन-दु:खियों, गरीबों और असहायों की यथासंभव मदद करेंगे और इंसानियत को मजबूती प्रदान करेंगे।
हम अपने महापुरूषों, ऋषि-मुनियों, देशभक्तों और परम्-विद्वानों के दिखाए मार्ग को अपनाएंगे और दूसरों को भी अपने साथ लेकर चलेंगे।
हम अपने माता-पिता और शिक्षिकों को पूर्ण मान-सम्मान देंगे और उनकी आज्ञाओं का पालन करेंगे ताकि हमें सही मार्गदर्शन मिल सके।
हम राष्ट्रीय स्वतंत्रता, एकता, अखण्डता एवं उसकी अस्मिता को बनाए रखने के लिए सदैव समर्पित रहेंगे।
हम राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय गीत आदि सभी राष्ट्रीय धरोहरों का पूर्ण मान-सम्मान करेंगे।
हम आपसी ईष्र्या-द्वेष, संकीर्णता और भेदभावों को भुलाकर मेलजोल एवं भातृभाव का माहौल निर्मित करेंगे।
हम सब अपने चरित्र को उच्च बनाएंगे, ताकि हमारा आत्मिक विकास हो सके और हम एक स्वर्णिम समाज की स्थापना में अपनी अह्म भूमिका निभा सकें।
हम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘समष्टिवाद’ की भावना का अपने अन्दर समावेश करेंगे।
हम नशा, जुआ, चोरी, भ्रष्टाचार, ठगी आदि बुराईयों का परित्याग कर देंगे।
हम दहेजप्रथा, बाल-विवाह, नारी-उत्पीड़न, शोषण, बढ़ता लिंगानुपात, जाति-पाति, छुआछुत, कन्या-भ्रूण हत्या, बढ़ती जनसंख्या आदि सभी सामाजिक कुरूतियों एवं रूढ़ियों के खिलाफ एकजूट होकर लड़ेंगे।
हम वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि पर अंकुश लगाने का भरसक प्रयास करेंगे और अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाएंगे और सबको पे्ररित करेंगे।
हम सभी सरकारी एवं सार्वजनिक सम्पतियों की सुरक्षा एवं संरक्षण में अपना बढ़चढ़कर सहयोग देंगे।
हम असामाजिक तत्वों और राष्ट्र विरोधी ताकतों को बिल्कुल भी पनपने नहीं देंगे।
हम शिक्षा के प्रचार-प्रसार में अपना पूरा सहयोग देंगे।
हम अपने मौलिक कत्र्तव्यों का पूर्ण पालन करेंगे और अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहेंगे।
हम शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्राप्त करके स्वयं को भी और दूसरों को भी सामाजिक एवं आर्थिक तौरपर सशक्त करेंगे।
मित्रों ! यदि हम उपर्युक्त संकल्पों को दृढ़ निश्चय के साथ पूरा करें तो नि:सन्देह हम सही मायनों में एक स्वर्णिम एवं रामराज्य समाज की स्थापना कर पाएंगे और स्वयं को एक विशिष्ट व आदर्श पहचान दे पाएंगे।
नववर्ष पर युवा मित्रों से विशेष उम्मीदें हैं। क्योंकि युवा शक्ति ही किसी भी समाज व राष्ट्र की वास्तविक शक्ति होती है। किसी भी समाज व राष्ट्र का उत्थान व पतन उसकी युवा शक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि युवा शक्ति अपनी संस्कृति व सभ्यता से विमुख हो और अपने लक्ष्य के प्रति लापरवाह हो तो वह समाज व राष्ट्र कभी उन्नति नहीं कर सकता।
इसलिए युवा वर्ग से अनुरोध रहेगा कि वे आधुनिकता की आड़ में पश्चिमी संस्कृति की घटिया चकाचौंध में अपनी भारतीय संस्कृति व सभ्यता को न भूलें और अपने समाज व राष्ट्र को निरन्तर प्रगतिपथ पर अग्रसित करते रहें।
नववर्ष आपके लिए मंगलमयी हो, उपलब्धियों से भरपूर रहे, स्वस्थ रहें और प्रसन्नचित रहें, इन्ही सब हार्दिक शुभकामनओं एवं बधाईयों के साथ…नववर्ष मुबारक !
-राजेश कश्यप
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हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक.
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