सोमवार, 25 जून 2018

कुरूक्षेत्र धर्मशाला निर्माण में संघर्ष एवं सहयोग करने वाले समाजसेवियों के लिए भव्य सम्मान-समारोह आयोजित




हरियाणा कश्यप राजपूत धर्मशाला, कुरूक्षेत्र  समाजसेवियों के लिए भव्य सम्मान-समारोह आयोजित
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कई वरिष्ठ समाजसेवियों को मरणोपरांत दिया गया सम्मान, परिजनों ने किया ग्रहण
-प्रदेश भर के सैकड़ों समाजसेवियों ने लिया सम्मान-समारोह में भाग।
-पगड़ी बांधकर और स्मृति-चिन्ह भेंट करके किया गया सम्मानित।
-सम्मान-समारोह की समाज में हुई सराहना।
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गत 24 जून, 2018 (रविवार) को हरियाणा कश्यप राजपूत धर्मशाला, कुरूक्षेत्र का 38वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर धर्मशाला की स्थापना, निर्माण, विस्तार, संवर्द्धन एवं संचालन में अमिट एवं अविस्मरणीय योगदान देने वाले बुजुर्गों एवं समाजसेवियों को सम्मानित करने के लिए एक भव्य सम्मान-समारोह का आयोजन किया गया। सम्मान-समारोह के मुख्य अतिथि हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184) के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी परम आदरणीय श्री रतन सिंह मतौरिया जी थे। समारोह की अध्यक्षता डी.एस.पी. (सेवानिवृत) आदरणीय श्री करताराम कश्यप जी ने की।



कुरूक्षेत्र धर्मशाला निर्माण में संघर्ष एवं सहयोग करने वाले समाजसेवियों को विशिष्ट सम्मान
मुख्य अतिथि परम आदरणीय श्री रतन सिंह मतौरिया जी ने समारोह में समाज की उन विशिष्ट व वरिष्ठ विभूतियों को विशिष्ट सम्मान से नवाजा और स्मरण किया जिन्होंने हरियाणा कश्यप राजपूत धर्मशाला, कुरूक्षेत्र की स्थापना, निर्माण, विस्तार एवं संवर्द्धन में तन-मन-धन से संघर्ष, सहयोग एवं मार्गदर्शन किया। मंच से उन सब समाजसेवियों की अथक सेवा व समाज के प्रति समर्पण को सादर नमन किया गया, जिन्होंने यथासंभव धर्मशाला के निर्माण में यथाशक्ति योगदान दिया। गरिमामयी माहौल व तालियों की गड़गड़ाहट के बीच समाज की कई महान शख्सियतों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया। उनका सम्मान उनके परिजनों ने बड़े गर्व एवं गौरव के साथ ग्रहण किया। यह सम्मान-समारोह बेहद प्रेरणादायी रहा। धर्मशाला एवं समाज के लिए असीम, अनूठा एवं अटूट संघर्ष करने वाले वरिष्ठ समाजसेवियों को समाज के प्रति उनकें त्याग, तप, संघर्ष व जज्बे को नमन करते हुए जब उन्हें सम्मानित किया गया, तब निःसन्देह, समाज के लिए कुछ कर गुजरने की भावना का हर किसी व्यक्ति में संचार सहज रूप से होता हुआ दिखाई दिया। हर किसी ने हमारे बुजुर्गों के प्रेरणादायी संघर्ष को स्मरण किया कि किस तरह बुजुर्गों ने अपना सुख-चैन त्यागकर एक-एक करके पैसा एकत्रित किया, एक-एक करके दाना इक्कठा किया और एक-एक करके समाज को एकजूट किया। इसके साथ ही समारोह में यह आश्वासन भी दिया गया कि किसी वजह से धर्मशाला निर्माण में किसी भी रूप में सहयोग करने वाले जो समाजसेवी सम्मानित होने से छूट गए हैं, उन्हें भविष्य में जरूर सम्मानित किया जायेगा। समाज एवं धर्मशाला के लिए अपना असीम योगदान देने वाले सभी वरिष्ठ समाजसेवियों का कश्यप समाज हमेशा कृतज्ञ रहेगा और उनके मान-सम्मान को हमेशा बरकरार रखेगा। 

मनमोहक एवं भक्तिमयी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
सम्मान-समारोह में बेहद मनमोहक एवं भक्तिमयी सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल किए गए। इसके साथ ही महर्षि कश्यप जी की जीवनी पर आधारित भजन भी प्रस्तुत किए गए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने हर किसी का मन मोह लिया।


अनेक गणमाण्य लोगों की रही गरिमामयी उपस्थिति
समारोह में समाज के सरपरस्त एवं हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184) की मुख्य प्रशासनिक कमेटी (अस्थायी) के पूर्व अध्यक्ष आदरणीय श्री बलजीत सिंह मतौरिया जी की गरिमामय उपस्थिति रही। उनके अलावा सभा के पूर्व प्रधान श्री देशराज कश्यप जी, पूर्व प्रधान श्री जयभगवान कश्यप जी, पूर्व प्रधान श्री प्रवीण कश्यप जी, राज्यसभा सांसद श्री राम कुमार उगाला जी, पूर्व विधायक रमेश कश्यप, अंबाला के प्रधान एवं वरिष्ठ समाजसेवी श्री कुन्दन लाल कश्यप जी, यमुनानगर के कर्मठ एवं समाज समर्पित प्रधान श्री जोगिन्द्र कश्यप जी, जीन्द के प्रधान श्री माया राम कश्यप जी, पूर्व मुख्य प्रशासनिक कमेटी (अस्थायी) के वरिष्ठ सदस्य श्री समे सिंह कश्यप जी, प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता श्री राजेश कश्यप ‘टिटौली’, श्री देव कश्यप जी ‘इन्द्री’, श्री ओमपाल एडवोकेट, पार्षद श्री सुरेन्द्र माजरी जी, श्री वीरभान आर्य जी आदि वरिष्ठ एवं सक्रिय समाजसेवियों की गरिमामयी उपस्थिति ने सम्मान-समारोह की शोभा बढ़ाई। इसके साथ ही श्री एडवोकेट राजपाल कश्यप जी, एडवोकेट श्री जयपाल कश्यप जी, श्री रामलाल कश्यप जी, श्री संजीव कश्यप जी, श्री नरेश कश्यप जी, श्री हरीश कश्यप जी, श्री राम कुमार कश्यप जी, श्री ईश्वर कश्यप जी, श्री रघुनाथ तंवर जी, श्री सुन्दर कश्यप जी, श्री रामदिया कश्यप जी, श्री प्रदीप कश्यप जी, श्री तरसेम कश्यप जी, चौधरी मन्नू कश्यप घरौण्डा, श्री सुलेखचन्द कश्यप जी, श्री राजीव कश्यप जी, श्री लख्मीचन्द कश्यप जी, श्री महावीर कश्यप जी, श्री हवा सिंह कश्यप जी, श्री प्रताप सिंह कश्यप जी, श्री हिसम सिंह कश्यप जी, श्री राजबीर कश्यप जी आदि-आदि अनेक गणमान्य समाजसेवी भी समारोह की शान बने।

‘मतौरिया परिवार’ का विशेष आभार
इस अवसर पर कश्यप समाज की अटूट व अनुकरणीय सेवा के लिए ‘मतौरिया परिवार’ का विशेष आभार व्यक्त किया गया। मुख्य अतिथि आदरणीय श्री रतन सिंह मतौरिया जी वर्ष 1983 में सक्रिय समाजसेवा में आए। वर्ष 1993 में वे हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184) के प्रदेशाध्यक्ष निर्वाचित हुए। उनके कार्यकाल के दौरान हरियाणा कश्यप राजपूत धर्मशाला, कुरूक्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ और समाज की एक गौरवमयी धरोहर धरातल पर खड़ी हुई। उनकी अध्यक्षता में प्रदेश के कश्यप समाज ने नित नई उपलब्धियां हासिल कीं। आदरणीय श्री रतन सिंह मतौरिया जी के सुपुत्र आदरणीय श्री बलजीत सिंह मतौरिया जी ने उनकीं विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया और समाज को एकजुट करके एक नई दशा और दिशा प्रदान की। आदरणीय श्री बलजीत सिंह मतौरिया जी को समाज ने उनकीं अतुलनीय समाजसेवा के लिए ‘सरपरस्त’ की उपाधि से अलंकृत किया। उन्होंने हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184) की मुख्य प्रशासनिक कमेटी (अस्थायी) के अध्यक्ष के रूप में कश्यप समाज की एकता, उन्नति एवं सर्वांगीण विकास के लिए दिनरात एक कर दिया। उन्होंने समाजहित में ऐसे अनेक ऐसे उल्लेखनीय एवं साहसिक निर्णय लिए, जिनकी शायद ही कोई कल्पना कर सकता था। आदरणीय श्री बलजीत सिंह मतौरिया जी आज भी पुरानी व नई पीढ़ी के बीच सेतु का काम करते हुए समाज को एक नई दिशा देने के लिए सतत सेवाएं दे रहे हैं।

समाज के नाम मुख्य सन्देश
सम्मान-समारोह के मुख्य अतिथि हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184) के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी परम आदरणीय श्री रतन सिंह मतौरिया जी ने अपने मुख्य सम्बोधन में समाज के नाम पर एक सारगर्भित सन्देश दिया। उनके सामाजिक सन्देश की उल्लेखनीय एव प्रमुख बातें निम्नलिखित रहीं:
‘‘मैं इस कश्यप राजपूत धर्मशाला, कुरूक्षेत्र से सन 1983 से जुड़ा हुआ हूँ। जहां तक हो सका, मैनें इसकी पूरी सेवा की है। सौभाग्यवश, मुझे वर्ष 1993 में समाज का प्रधान भी बनाया गया। उस समय धर्मशाला व समाज की इतनी तरक्की नहीं हुई थी, जितनी कि होनी चाहिए थी। उस समय 4-5 लोगों की कमेटी बनाई गई थी, जो चन्दा एकत्रित करती थी। मेरे कार्यकाल के दौरान धर्मशाला के अगले हिस्से की दुकानें समाज के वरिष्ठ एवं समर्पित साथियों की मदद से बनकर तैयार हुईं। मैनें भी धर्मशाला में जितना हो सका उतना योगदान दिया और कमरा भी बनवाया। धर्मशाल को आगे बढ़ाने के लिए मैं समाज के बीच गया और उन्हें समझाया व समाजहित में चन्दा देने के लिए प्रेरित किया।े
मैं समाज के भाईयों से आग्रह करता हूँ कि उन्हें समाजहित में अपने अहंकार को थोड़ा किनारे कर लेना चाहिए। मुझे खुशी है कि इस तरह के भव्य आयोजनों से समाज की एकता बढ़ेगी और समाज की तरक्की होगी।
मैं सभी भाईयों से अपील करता हूँ कि वे स्वयं को स्वस्थ बनाएं व सक्षम बनाएं। अपने बच्चों को योग करवाएं। अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें। अच्छा स्वास्थ्य व अच्छी शिक्षा होगी तो समाज का विकास भी होगा।
मैं अपने बच्चों को कहता हूँ कि जितना भी हो सके समाज को सहयोग दें और सहयोग दूसरों से भी लेकर समाज को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
मेरा विश्वास है कि सबसे पहले अपना घर संभालो, अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दो। इस तरह अगर सभी अपने-अपने घर को संभालेंगे तो समाज की तरक्की अपने आप ही हो जायेगी। सभी सम्पन्न होंगे।
मैं सभी भाईयों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूँ कि जो भी सामाजिक काम हो, उसमें बढ़चढ़कर हिस्सा लो और दूसरों को भी उत्साहित करो।’’

लगभग सभी जिलों से सम्मान-स्वरूप पहनाई पगड़ी
परम आदरणीय श्री रतन सिंह मतौरिया जी को समाज की उल्लेखनीय एवं अनुकरणीय सेवाओं के लिए हरियाणा प्रदेश के लगभग प्रत्येक जिले से समाज के जिला वरिष्ठ जिला प्रतिनिधियों ने सम्मान-स्वरूप पगड़ी भेंट कीं। पगड़ी भेंट करने वालों में प्रमुख रूप से जिला जीन्द से श्री समे सिंह कश्यप जी, कुरूक्षेत्र से श्री हवा सिंह जी, पानीपत से श्री रफल सिंह कश्यप जी, अंबाला से श्री कुन्दन लाल कश्यप जी, यमुनानगर से श्री जोगिन्द्र कश्यप जी, रोहतक से श्री राजेश कश्यप ‘टिटौली’, हिसार से श्री महावीर कश्यप जी, कैथल से श्री बलबीर कश्यप जी, सोनीपत से श्री दयानंद कश्यप जी, करनाल से श्री रामदिया कश्यप जी, पंचकूला से श्री नफे सिंह कश्यप जी, सिरसा से श्री रामफल कश्यप जी आदि शामिल थे। 

मुख्य अतिथि ने पूर्व मुख्य प्रशासनिक कमेटी को किया विशेष तौरपर सम्मानित
मुख्य अतिथि परम आदरणीय श्री रतन सिंह मतौरिया जी ने हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184) की पूर्व मुख्य प्रशासनिक कमेटी (अस्थायी) के सभी सदस्यों को समाजहित में अटूट एवं सराहनीय योगदान देने के लिए विशेष तौरपर सम्मानित किया। कमेटी के सभी सदस्यों ने अपने पूर्वाध्यक्ष आदरणीय ‘सरपरस्त’ श्री बलजीत सिंह मतौरिया जी के साथ संयुक्त रूप से सम्मान ग्रहण किया और वयोवृद्ध समाजसेवी परमआदरणीय श्री रतन सिंह मतौरिया जी के चरण-स्पर्श करके आशीर्वाद लिया।
कुछ यादगार छायाचित्र 
































































































रिपोर्ट:
-राजेश कश्यप ‘टिटौली’
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