मंगलवार, 25 मई 2010

हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक ने बड़ी धूमधाम से महर्षि कश्यप जयंती मनाई और दीप जलाये

हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक ने ‘महर्षि कश्यप जयन्ती समारोह’ बड़ी धूमधाम से निर्माणाधीन कश्यप राजपूत धर्मशाला, फरमाणा मार्ग, महम में मनाया।
समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात समासेवक एवं साधक नरेन्द्र बाबा एवं विशिष्ट अतिथि धर्म सिंह सैनी महर्षि कश्यप की प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित करते हुए
समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात समासेवक एवं साधक नरेन्द्र बाबा एवं विशिष्ट अतिथि धर्म सिंह सैनी थे, जबकि अध्यक्षता सभा के जिला प्रधान राजेश कश्यप ने की। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्गार व्यक्त करते हुए नरेन्द्र बाबा ने कहा कि महर्षि कश्यप सृष्टि के सृजक एवं सप्तऋषियों में प्रमुख सप्तऋषि थे। महर्षि कश्यप ने अपने अलौकिक ज्ञान से समस्त सृष्टि का कल्याण किया। उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि यदि समाज महर्षि कश्यप के अलौकिक ज्ञान का अनुसरण करे तो निश्चित तौरपर सबका कल्याण होगा। विशिष्ट अतिथि धर्म सिंह सैनी ने अपने संबोधन में कश्यप समाज को जयन्ती एवं उसकी भारी सफलता के लिए बधाईयां दीं और समस्त समाज का आह्वान किया कि महर्षि कश्यप की शिक्षाओं का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करें।

समारोह के अध्यक्ष एवं हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप समारोह को संबोधित करते हुए
समारोह के अध्यक्ष एवं हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप ने महर्षि कश्यप जी की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके उपरांत उन्होंने समाज के असहाय, लाचार, विधवा, विकलांग, आपदाग्रस्त का शिकार व्यक्तियों की आपातकालीन मदद के लिए ‘महर्षि कश्यप कल्याण कोष’ स्थापित करने, कश्यप समाज के घर-घर पहुंचकर उनके दु:ख-सुख जानने के लिए ‘परिवार-परिचयावली’ भरवाने का अभियान चलाने, कश्यप समाज के उत्थान में अहम् भूमिका निभाने वाले समाजसेवकों, शिक्षकों, शिक्षार्थियों, अधिकारियों, नेताओं एवं मीडियाकर्मियों को प्रतिवर्ष ‘महर्षि कश्यप रत्न’ प्रदान करने जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की। श्री कश्यप ने कहा कि सरकार में हिस्सा हासिल करने एवं नौकरियों के लिए समाज को संगठित किया जाएगा और अपने हकों को हासिल करने के लिए जोरदार आन्दोलन चलाया जाएगा।
मंच पर विराजमान मुख्य अतिथि प्रख्यात समासेवक एवं साधक नरेन्द्र बाबा एवं विशिष्ट अतिथि धर्म सिंह सैनी

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि ने निर्माणाधीन कश्यप राजपूत धर्मशाला के लिए संयुक्त रूप से ५१००० रूपये, विशिष्ट समाजसेवक बसन्त कश्यप ने ११००० रूपये और महम के वार्ड २ के पार्षद रामफल रोहिल्ला ने ११०० रूपये का योगदान देने की घोषणा की। वित्तिय योगदान के लिए सभा के प्रधान राजेश कश्यप ने सबका अत्यन्त आभार व्यक्त किया। महम इकाई के प्रधान राधेश्याम ने समाज के लोगों से आह्वान किया कि वे धर्मशाला के निर्माण में अधिक से अधिक योगदान दें।

समारोह को संबोधित करते हुए हरियाणा कश्यप राजपूत सभा रोहतक के खजांची सत्यवान कश्यप

समारोह को सत्यवान कश्यप, महेन्द्र सिंह कश्यप, जयभगवान कश्यप आदि वक्ताओं ने भी संबोधित किया और सभी वक्ताओं ने सरकार से प्रतिवर्ष २४ मई को सरकारी अवकाश घोषित करने का आग्रह किया।

समारोह को संबोधित करते हुए हरियाणा कश्यप राजपूत सभा रोहतक ब्लोक के प्रधान महेंदर सिंह कश्यप कश्यप

जयन्ती समारोह में राजेश कश्यप, राधेश्याम कश्यप, रामलाल कश्यप, सत्यवान कश्यप, बलबीर कश्यप, बसन्त कश्यप, रामेश्वर कश्यप, कृष्णचन्द्र कश्यप, महेन्द्र सिंह कश्यप, जयभगवान कश्यप, रमेश कश्यप, प्रदीप कश्यप, अन्नू कश्यप, मनोज कश्यप, सतपाल कश्यप, जगबीर कश्यप आदि प्रमुख पदाधिकारियों, समाजसेवकों सहित कश्यप समाज के असंख्य गणमान्य लोग उपस्थिति थे।

जयन्ती समारोह में महिलाओं की बड़ी भागीदारी अत्यन्त सराहनीय रही।

इस अवसर पर लंगर भी लगाया गया।
इसके साथ ही घर - घर दीप व मोमबतियां जलायीं गयीं



समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों कि कटिंग्स :









जिला रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप द्वारा महर्षि कश्यप जयंती समारोह में दिए गए महत्वपूर्ण भाषण के कुछ अंश प्रस्तुत हैं . तीर के निशान पर क्लिक करके आप इन्हें देख और सुन सकते हैं :


जिला रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप द्वारा महर्षि कश्यप जयंती समारोह में दिए गए महत्वपूर्ण भाषण के कुछ अंश प्रस्तुत हैं । तीर के निशान पर क्लिक करके आप इन्हें देख और सुन सकते हैं.

हरियाणा कश्यप राजपूत धर्मशाला कुरूक्षेत्र में बड़ी धूमधाम से मनाई गई महर्षि कश्यप जयन्ती

२३ मई, २०१० रविवार को हरियाणा कश्यप राजपूत धर्मशाला, कुरूक्षेत्र में सृष्टि सृजक एवं सप्तऋर्षि महर्षि कश्यप की जयन्ती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद डा. राम प्रकाश थे और जयन्ती समारोह की अध्यक्षता हरियाणा कश्यप समाज के सरपस्त बलजीत सिंह मतौरिया ने की। कार्यक्रम के संयोजक हरियाणा कश्यप राजपूत सभा के प्रदेशाध्यक्ष देशराज कश्यप थे।
इन्द्री के  विधायक डा. अशोक कश्यप यज्ञ आहुति डालते हुए, साथ में हैं सरपरस्त बलजीत सिंह मतौरिया
जयन्ती पर एक यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन किया गया। यज्ञ इन्द्री विधायक डा. अशोक कश्यप के सौजन्य से किया गया।

इन्द्री के विधायक डा. अशोक कश्यप जयंती समारोह को संबोधित करते हुए  
महर्षि कश्यप जयन्ती समारोह को संबोधित करते हुए  अतिथि डा. अशोक कश्यप ने कहा कि जो लोग अपने पूर्वजों, संस्कारों एवं विचारों को भूल जाते हैं, वो दुनिया से मिट जाते हैं। इसलिए हमें अपने महर्षि कश्यप जी जैसे महान संतों, मुनियों, गुरूजनों को कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने समाज से आह्वाने करते हुए कहा कि समाज संगठित हो और शिक्षा पर जोर दे, ताकि हमारा समाज तरक्की कर सके।
विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद डा. राम प्रकाश जयंती समारोह को संबोधित करते हुए
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद डा. राम प्रकाश ने कहा कि समाज को अपने अन्दर आई बुराईयों को त्यागना होगा। उन्होंने कहा कि समाज में नशे की लत, आपसी ईष्र्या द्वेष, दहेज प्रथा जैसी अनेक बुराईयां आ चुकी हैं, जिन्हें दूर करना चाहिए। डा. राम प्रकाश ने कहा कि अपने बच्चों को जरूर से जरूर पढ़ाना चाहिए। जब तक हमारे बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर, एमबीबीएस, एमबीए आदि की शिक्षा हासिल नहीं करेंगे तब तक हमारा समाज कभी भी आगे नहीं बढ़ सकेगा। राज्यसभा सांसद डा. राम प्रकाश ने आगे कहा कि समाज को संगठित होकर काम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमन्त्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के मन में पिछड़ों एवं दलितों के उत्थान की बहुत बड़ी कसक है। यदि समाज मिलकर उनके साथ खड़ें हों तो हमारा सबका भला हो सकता है। डा. राम प्रकाश ने अपने संबोधन में विश्वास दिलाया कि यदि कश्यप समाज संगठित होकर आगे बढ़ा तो निश्चित तौरपर उनके हितों की रक्षा के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा।

विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद डा. राम प्रकाश  को पगड़ी पहनते हुए सरपरस्त बलजीत सिंह मतौरिया  
जयन्ती समारोह में हरियाणा कश्यप राजपूत सभा की तरफ से विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद डा. राम प्रकाश, इन्द्री विधायक डा. अशोक कश्यप, सरपस्त बलजीत सिंह मतौरिया आदि को पगड़ी पहनाई गई।
सरपरस्त बलजीत सिंह मतौरिया जयंती समारोह को संबोधित करते हुए
जयन्ती समारोह को संबोधित करते हुए सरपरस्त बलजीत सिंह मतौरिया ने कहा कि अब कश्यप समाज जाग चुका है और अपने हित-अहित की बात बखूबी समझता है। उन्होंने सांसद नवीन जिन्दल के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारे सांसद महोदय कार्यक्रम में आने की सहमति देने के बावजूद इस बार भी कश्यप समाज के बीच नहीं पहुंचे। इससे समाज को भारी निराशा महसूस हुई है। उल्लेखनीय है कि पिछली बार सांसद नवीन जिन्दल स्वयं न आकर अपनी पत्नी को कार्यक्रम में भेजा था। सरपरस्त बलजीत सिंह मतौरिया ने कहा कि जो महानुभव कार्यक्रम में आने की सहमति देने के बावजूद नहीं आता है तो वह समाज में एक गलत सन्देश पहुंचाता है। इसलिए इस विषय पर सरकार को आत्म-मन्थन अवश्य करना चाहिए। सरपरस्त बलजीत मतौरिया ने समाज से आह्वान किया कि वे निरन्तर आगे बढ़ते रहें और संगठित होकर चलें, निश्चित तौरपर पर समाज का भला होगा।
सांसद नवीन जिन्दल द्वारा भेजे गए सन्देश-पत्र को पढ़कर सुनते हुए हरियाणा कश्यप राजपूत सभा के प्रदेशाध्यक्ष देशराज कश्यप
जयन्ती समारोह में अपरिहार्य कारणों के चलते विशिष्ट अतिथि सांसद नवीन जिन्दल नहीं पहुंच सके। उन्होंने इस अवसर पर अपने पी.ए. को एक पत्र के माध्यम से कश्यप समाज को महर्षि कश्यप जयन्ती की बधाईयां एवं शुभकामनाएं भेंजीं और कार्यक्रम में न पहुंच पाने का अफसोस जताया। सांसद नवीन जिन्दल द्वारा भेजे गए सन्देश-पत्र को हरियाणा कश्यप राजपूत सभा के प्रदेशाध्यक्ष देशराज कश्यप ने मंच से पढ़कर सुनाया।

सांसद नवीन जिन्दल द्वारा भेजे गया  सन्देश-पत्र

जयन्ती समारोह में मुख्य अतिथि हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष स. हरमोहिन्दर सिंह चठ्ठा की अनुपस्थिति भी कश्यप समाज को काफी अखरी।
चेयरमैन एवं एडवोकेट प्रेम सिंह जयंती समारोह को संबोधित करते हुए
जयन्ती समारोह को हरियाणा कश्यप राजपूत सभा के चेयरमैन एवं एडवोकेट प्रेम  सिंह ने समाज के नेताओं से आह्वान किया कि वे हकीकत में लीडर बनकर दिखाएं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सुख-दु:ख में हमेशा अपने समाज के साथ जुड़ा रहता है, वहीं सच्चे अर्थों में समाज का लीडर है। चेयरमैन ने आगे कहा कि वे निजी स्वार्थों एवं संकीर्णता को त्यागकर समाज हित में काम करें। उन्होंने समाज से आह्वान किया कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं संस्कार दें।
 हरियाणा कश्यप राजपूत सभा के प्रदेश प्रवक्ता, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक सैल के चेयरमैन व जिला रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप जयंती समारोह को संबोधित करते हुए


जयन्ती समारोह में हरियाणा कश्यप राजपूत सभा के प्रदेश प्रवक्ता, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक सैल के चेयरमैन व जिला रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप ने सृष्टि सृजक एवं प्रमुख सप्तऋषि महर्षि कश्यप की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला। राजेश कश्यप ने बताया कि वे एक ऐसा ग्रन्थ लिखने में जुटे हुए हैं, जिसमें महर्षि कश्यप का विस्तार से बखान होगा। उन्होंने समाज के बीच महर्षि कश्यप जयन्ती पर दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशि विशेष लेख की फोटोप्रतियां भी बांटी, ताकि समाज में महर्षि कश्यप के बारे में अधिक से अधिक ज्ञान पहुंच सके।
निवेदिता पब्लिक स्कूल की छात्रा देशभक्ति प्रस्तुति ‘आई लव माय इण्डिया’ देती हुयी
जयन्ती समारोह में स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। इसमें निवेदिता पब्लिक स्कूल की छात्रा संयोगिता द्वारा की गई देशभक्ति प्रस्तुति ‘आई लव माय इण्डिया’ ने सबका मन मोह लिया।

निवेदिता स्कूल की गीता, आरती एवं सहेलियों द्वारा प्रस्तुत किया गया पंजाबी गिद्धा
इसके उपरांत निवेदिता स्कूल की गीता, आरती एवं सहेलियों द्वारा प्रस्तुत किया गया पंजाबी गिद्धा अत्यन्त सराहनीय रहा।

राजकीय माध्यमिक विद्यालय, दयालपुर, कुरूक्षेत्र की छात्राओं आंचल, पायल व अन्य सहेलियों द्वारा ‘कृष्ण-सुदामा’ की आदर्श मित्रता को दर्शाती प्रस्तुति
राजकीय माध्यमिक विद्यालय, दयालपुर, कुरूक्षेत्र की छात्राओं आंचल, पायल व अन्य सहेलियों द्वारा ‘कृष्ण-सुदामा’ की आदर्श मित्रता को दर्शाती प्रस्तुति ने सबको भाव-विहल कर दिया।

निवेदिता पब्लिक स्कूल की छात्रा शालू ने ‘आजा नच ले’ प्रस्तुती देते हुए
निवेदिता पब्लिक स्कूल की छात्रा शालू ने ‘आजा नच ले’ नृत्य के जरिए समारोह में हर किसी को झूमने के लिए विवश कर दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रतिभागी छात्राओं को कश्यप समाज की तरफ से नकद धनराशि से सम्मानित किया गया।

जयन्ती समारोह को अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में हरियाणा कश्यप राजपूत सभा के प्रदेशाध्यक्ष देशराज कश्यप ने सभी मेहमानों, विशिष्ट अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद व्यक्त किया और समाज से आह्वान किया कि वे हर जिले व ब्लॉक में अपने महर्षि कश्यप जयन्ती को बड़ी धूमधाम से मनाएं और समाज को आगे बढ़ाने में अपना भरपूर सहयोग दें।

लंगर छकते श्रृद्धालु
इस अवसर पर लंगर भी लगाया गया.

शनिवार, 22 मई 2010

जिला प्रधान राजेश कश्यप के नेतृत्व में सभा की जिला कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों एवं स्थानीय निवासियों द्वारा निर्माणाधीन धर्मशाला, महम में ‘कार-सेवा’ की गई

जिला प्रधान राजेश कश्यप के नेतृत्व में सभा की जिला कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों एवं स्थानीय निवासियों द्वारा निर्माणाधीन धर्मशाला, महम में ‘कार-सेवा’ की गई

२१ मई महम (रोहतक)।

हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक द्वारा आगामी २४ मई, सोमवार को ‘सृष्टि के सृजक एवं प्रमुख सप्तऋषि महर्षि कश्यप जी’ की जयन्ती निर्माणाधीन कश्यप राजपूत धर्मशाला, फरमाणा मोड़, महम में बड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी। यह जानकारी देते हुए सभा के प्रधान राजेश कश्यप ने आगे बताया कि जयन्ती के मद्देनजर ही सभा की जिला कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों एवं स्थानीय निवासियों द्वारा निर्माणाधीन धर्मशाला, महम  में ‘कार-सेवा’ की गई । इस ‘कार-सेवा’ में जिला प्रधान राजेश कश्यप के नेतृत्व में जयभगवान कश्यप, प्रदीप कश्यप, सत्यवान कश्यप, सुरेश कश्यप, बलबीर कश्यप, मनजीत सिंह दहिया, राधेश्याम कश्यप, रामलाल कश्यप, बसन्त कश्यप, रमेश कश्यप, बीर सिंह कश्यप, राम अवतार कश्यप, मामन कश्यप, रामेश्वर कश्यप, रामकुमार कश्यप, शम्भू दयाल कश्यप, अमित कश्यप आदि ने बढ़चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर राधे श्याम कश्यप को महम ब्लॉक का नया प्रधान नियुक्त किया गया।
"कार-सेवा" में हमारे पदाधिकारी सदस्यों एवं अन्य लोगों ने किस कद्र मेहनत की इसको तस्वीरों में देखिये :












अख़बारों में प्रकाशित समाचारों कि कटिंग्स

दैनिक हरिभूमि समाचार पत्र

दैनिक जागरण  समाचार पत्र

बुधवार, 19 मई 2010

‘महर्षि कश्यप जयन्ती समारोह’ में आप सब सादर आमंत्रित हैं


सृजक एवं प्रमुख सप्तऋषि’ महर्षि कश्यप जी
प्यारे भाईयो एवं बहनों ! जय महर्षि कश्यप जी की। आपको यह जानकर अति हर्ष होगा कि इस बार ‘सृष्टि के सृजक एवं प्रमुख सप्तऋषि’ महर्षि कश्यप जी की जिला-स्तरीय जयन्ती का आयोजन दिनांक २४ मई, २०१० (सोमवार) को सुबह ९:०० बजे निर्माणाधीन कश्यप राजपूत धर्मशाला, फरमाणा मोड़, महम (रोहतक) में किया जा रहा है।

अत: आप सभी भाईयों, बहनों, माताओं और बुजुर्गों से नम्र निवेदन है कि कृपा करके सही समय पर ‘महर्षि कश्यप जयन्ती समारोह’ में सपरिवार पहुंचे  और मंगलमय कार्यक्रमों व पूजा-पाठ में सक्रिय भाग लें। कृपया महर्षि कश्यप जी के नाम पर सभी जरूरी कामधन्धे छोड़कर अपनी सद्भक्ति, समाज के प्रति अटूट निष्ठा, सामाजिक एकता व सौहार्द एवं समाजसेवी भावना का परिचय दें।

इस बार ‘महर्षि कश्यप जयन्ती समारोह’ में समाज की सभी समस्याओं पर गहन विचार-मन्थन किया जाएगा और उसके समाधान के उपाय किये जाएंगे। अत: आप समाज के समक्ष अपनी समस्या को सांझा करने के लिए जरूर आएं। अगर आपका स्नेह, सहयोग एवं मार्गदर्शन मिला तो समस्या का समाधान भी निकाला जाएगा।

‘महर्षि कश्यप जयन्ती समारोह’ में निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर गहन-विचार मन्थन होगा :-

१. कश्यप समाज गरीबी की दलदल से कैसे निकल सकता है?

२. कश्यप समाज के बच्चों को नौकरियां क्यों नहीं मिल रही है?

३. कश्यप समाज को राजनीतिक भागीदारी क्यों नहीं है?

४. बेरोजगारी की समस्या से कैसे निपटा जाए?

५. कश्यप समाज को पिछड़े वर्ग की सरकारी योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ क्यों नहीं मिल रहा है?

६. गरीब, असहाय, पीड़ित, विधवाओं, एवं लाचार लोगों@परिवारों की आर्थिक मदद कैसे हो?

प्यारे भाई व बहनों! इस प्रकार की हर समस्या से अवगत करवाने अथवा इन समस्याओं के हल के लिए सुझाव देने के लिए ‘महर्षि कश्यप जयन्ती समारोह’ में सही समय पर हर हाल में पहुंचने का कष्ट करें।

आपका ‘महर्षि कश्यप जयन्ती समारोह’ में बेसब्री से इंतजार रहेगा.....धन्यवाद सहित..जय महर्षि कश्यप जी।

निवेदक :

हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक

मो. ९४१६६२९८८९





मंगलवार, 18 मई 2010

‘महर्षि कश्यप जयन्ति’ के सन्दर्भ में आवश्यक सूचनाएं।

आदरणीय कश्यप भाई,
सादर  नमस्कार .

सर्वप्रथम आपको एवं आपके समस्त परिवार को ‘महषि कश्यप जयन्ति’ पर ढ़ेरों-ढ़ेरों हार्दिक बधाईयां।

आपको यह जानकर अति हर्ष होगा कि आपके असीम स्नेह, सहयोग एवं मार्गदर्शन के चलते हमारा कश्यप समाज रोहतक सराहनीय कार्यों के लिए पूरे हरियाणा प्रदेश में प्रथम स्थान पर गिना जाने लगा है। यह सब आपकी समाज के प्रति लगन, निष्ठा एवं कत्र्तव्यपरायणता का फल है। पूर्ण विश्वास है कि भविष्य में भी आप कश्यप समाज की सेवा निरन्तर कन्धे से कन्धा मिलाकर करते रहेंगे।

कश्यप समाज के उत्थान के लिए हमारी आगामी योजनाएं इस प्रकार हैं :

१. हम सबने ९ मई, २०१० की रोहतक में आयोजित आपातकालीन बैठक में निर्णय लिया था कि हम ‘महर्षि कश्यप कल्याण कोष’ के के तहत आपातकाल में गरीबों, असहायों एवं पीड़ितों के लिए चन्दा जुटाएंगे। अत: कोष के लिए प्रस्तावित ‘चन्दा रसीदें’ (पचास रसीद बुक) छपवा दी गई हैं और प्रत्येक पदाधिकारी को दो -दो रसीद बुकें दी जा रही हैं। आपसे नम्र अनुरोध है कि आप अपने स्तर पर तुरन्त चन्दा इक्कठा करना शुरू कर दें। चन्दा छत्तीस बिरादरी के किसी भी व्यक्ति से उसकी श्रद्धा के अनुसार लिया जा सकता है।

२. इस बार प्रदेश स्तरीय ‘महर्षि कश्यप जयन्ति’ कुरूक्षेत्र धर्मशाला में २३ मई, २०१० को मनाई जाएगी, जिसमें मुख्य रूप से सांसद डा. रामप्रकाश, विधायक नवीन जिन्दल, विधानसभाध्यक्ष श्री हरमोहिन्दर सिंह चड्ढ़ा आदि को आमंत्रित किया गया है। अत: आप अपनी सुविधानुसार २३ मई को अपनी कुरूक्षेत्र धर्मशाला में सुबह ९ बजे पहुंचने का कष्ट करें।

३. २४ मई, २०१० को ‘महर्षि कश्यप जयन्ति’ जिला स्तर पर भी मनाई जाएगी। जिला रोहतक का कार्यक्रम महम में फरमाणा-सैमाण मोड़ पर स्थित निर्माणाधीन ‘महर्षि कश्यप धर्मशाला’ में आयोजित किया जाएगा। अत: आप सबसे नम्र अनुरोध है कि २१ मई, २०१० (शुक्रवार) को धर्मशाला में ‘कार-सेवा’ के लिए पधारें, ताकि हमारे समाज की धर्मशाला अच्छी नजर आए और महर्षि कश्यप जी की हम पर मेहर बने।

४. २० अपै्रल, २०१० को धर्मशाला, कुरूक्षेत्र की बैठक के निर्णय के अनुसार इस बार ‘महर्षि कश्यप जयन्ति’ के पावन पर्व पर अपने घरों में दीप-मोमबत्तियाँ-लड़ियां वगैरह जरूर जलाएं, ताकि सबको पता लगे हमारे महर्षि कश्यप जी की जयन्ति कब होती है और क्यों होती है?

५. हमें जहाँ पर भी मौका मिले प्रशासन एवं सरकार से मांग करें कि प्रतिवर्ष २४ मई को ‘महर्षि कश्यप जयन्ति’ का सार्वजनिक अवकाश किया जाए।

६. अपने कश्यप समाज की सम्पूर्ण गतिविधियों से रूबरू होने के लिए अपने समाज का ब्लॉग http://www.kashyapsamaj.blogspot.com/  इंटरनेट पर हर १० दिन बाद जरूर देखने अथवा दिखवाने की कोशिश करें, क्योंकि इस ब्लॉग पर समाज से संबंधित हर योजना, जानकारी, कार्यक्रम, गतिविधियां एवं परामर्श प्रकाशित किये जाते हैं।

पूर्ण आशा एवं विश्वास है कि कश्यप समाज के उत्थान में आप उपर्युक्त गतिविधियों में अपना बढ़चढ़कर योगदान देंगे और कश्यप समाज को ऊँचाइयों  पर स्थापित करेंगे। इसी आशा एवं विश्वास के साथ,

धन्यवाद सहित.....

आपका स्नेहाकांक्षी,
(राजेश कश्यप)
प्रधान,
हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक.

सोमवार, 17 मई 2010

सृष्टि सृजक महर्षि कश्यप / -राजेश कश्यप

२४ मई/महर्षि कश्यप जयन्ति विशेष


सृष्टि सृजक महर्षि कश्यप
सृष्टि सृजक महर्षि कश्यप
(राजेश कश्यप)
सृष्टि के सृजक सप्तऋषि महर्षि कश्यप ब्रह्मा  जी के मानस-पुत्र और मरीची ऋषि के महातेजस्वी पुत्र थे। इन्हें अरिष्टनेमी के नाम से भी जाना जाता था। महर्षि कश्यप की माता का नाम कला था, जोकि कर्दम ऋषि की पुत्री और कपिल देव की बहन थी। मुनिराज कश्यप पिंघले हुए सोने जैसे महातेजस्वी थे। उनकी जटाएं अग्नि-ज्वालाएं जैसी थीं। महर्षि क’यप ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माने जाते थे। सुर-असुरों के मूल पुरूष मुनिराज कश्यप का आश्रम मेरू पर्वत के ’िाखर पर था, जहां वे परब्रहा्रा परमात्मा के ध्यान में मग्न रहते थे। उनका अखण्ड तप, अलौकिक ज्ञान, धर्मनिष्ठा, परोपकारिता, अद्भूत तेज आदि समस्त लोकों में गुंजायमान था। सृष्टि की सृजना में महर्षि कश्यप जी का अनूठा एवं उल्लेखनीय योगदान था।
पौराणिक सन्दर्भों के अनुसार सृष्टि की रचना करने के लिए ब्रहा्राण्ड में सर्वप्रथम भगवान ब्रहा्रा जी प्रकट हुए। ब्रहा्रा जी के दाएं अंगूठे से दक्ष प्रजापति हुए। ब्रहा्रा जी के अनुनय-विनय पर दक्ष प्रजापति ने अपनी पत्नी असिक्रि के गर्भ से ६० कन्याएं पैदा कीं। इन कन्याओं में से १३ कन्याएं महर्षि कश्यप की पत्नियां बनीं। मुख्यत: इन्ही कन्याओं से सृष्टि का सृजन हुआ और महर्षि क’यप सृष्टि के सृजक बने। महर्षि क’यप सप्तऋषियों में प्रमुख माने गए हैं। सप्तऋषियों की पुष्टि श्री विष्णु पुराण में इस प्रकार होती है :-
वसिष्ठ: काश्यपो∙यात्रिर्जमदग्निस्सगौतम:।
विश्वामित्रभरद्वाजौ सप्त सप्तर्षयो∙भवन्।।
(अर्थात् सातवें मन्वन्तर में सप्तऋषि इस प्रकार हैं - वसिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र और भारद्वाज।)
श्रीमद्भागवत के छठे अध्याय के अनुसार दक्ष प्रजापति ने अपनी साठ कन्याओं मंे से दस कन्याओं का विवाह धर्म के साथ, तेरह कन्याओं का विवाह महर्षि कश्यप के साथ, सत्ताईस कन्याओं का विवाह चन्द्रमा के साथ, दो कन्याओं का विवाह भूत के साथ, दो कन्याओं का विवाह अंगीरा के साथ, दो कन्याओं का विवाह कृशाश्व के साथ और शेष चार कन्याओं का विवाह भी ताक्ष्र्यधारी कश्यप के साथ ही कर दिया। इस प्रकार महर्षि कश्यप की अदिति, दिति, दनु, काष्ठा, अरिष्टा, सुरसा, इला, मुनि, क्रोधवशा, ताम्रा, सुरभि, सुरसा, तिमि, विनता, कद्रू, पतांगी और यामिनि आदि पत्नियां बनीं।
महर्षि कश्यप ने अपनी पत्नी अदिति के गर्भ से बारह आदित्य पैदा किए, जिनमें सर्वव्यापक देवाधिदेव नारायण का वामन अवतार भी शामिल था। श्री विष्णु पुराण के अनुसार :
मन्वन्तरे∙त्र सम्प्राप्ते तथा वैवस्वतेद्विज।
वामन: कश्यपाद्विष्णुरदित्यां सम्बभुव ह।।
त्रिमि क्रमैरिमाँल्लोकान्जित्वा येन महात्मना।
पुन्दराय त्रैलोक्यं दत्रं निहत्कण्टकम्।।
(अर्थात्-वैवस्वत मन्वन्तर के प्राप्त होने पर भगवान् विष्णु कश्यप जी द्वारा अदिति के गर्भ से वामन रूप में प्रकट हुए। उन महात्मा वामन जी ने अपनी तीन डगों से सम्पूर्ण लोकों को जीतकर यह निष्कण्टक त्रिलोकी इन्द्र को दे दी थी।)
पौराणिक सन्दर्भो के अनुसार चाक्षुष मन्वन्तर में तुषित नामक बारह श्रेष्ठगणों ने बारह आदित्यों के रूप में महर्षि कश्यप की पत्नी अदिति के गर्भ से जन्म लिया, जोकि इस प्रकार थे -विवस्वान्, अर्यमा, पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, विधाता, वरूण, मित्र, इन्द्र और त्रिविक्रम (भगवान वामन)। महर्षि कश्यप के पुत्र विवस्वान् से मनु का जन्म हुआ। महाराज मनु को इक्ष्वाकु, नृग, धृष्ट, शर्याति, नरिष्यन्त, प्रांशु , नाभाग, दिष्ट, करूष और पृषध्र नामक दस श्रेष्ठ पुत्रों की प्राप्ति हुई।
महर्षि कश्यप ने दिति के गर्भ से परम् दुर्जय हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष नामक दो पुत्र एवं सिंहिका नामक एक पुत्री पैदा की। श्रीमद्भागवत् के अनुसार इन तीन संतानों के अलावा दिति के गर्भ से कश्यप के ४९ अन्य पुत्रों का जन्म भी हुआ, जोकि मरून्दण कहलाए। कश्यप के ये पुत्र नि:संतान रहे। देवराज इन्द्र ने इन्हें अपने समान ही देवता बना लिया। जबकि हिरण्याकश्यप को चार पुत्रों अनुहल्लाद, हल्लाद, परम भक्त प्रहल्लाद, संहल्लाद आदि की प्राप्ति हुई।
महर्षि कश्यप को उनकी पत्नी दनु के गर्भ से द्विमुर्धा, शम्बर, अरिष्ट, हयग्रीव, विभावसु, अरूण, अनुतापन, धुम्रकेश, विरूपाक्ष, दुर्जय, अयोमुख, शंकुशिरा, कपिल, शंकर, एकचक्र, महाबाहु, तारक, महाबल, स्वर्भानु, वृषपर्वा, महाबली पुलोम और विप्रचिति आदि ६१ महान् पुत्रों की प्राप्ति हुई। रानी काष्ठा से घोड़े आदि एक खुर वाले पशु उत्पन्न हुए। पत्नी अरिष्टा से गन्धर्व पैदा हुए। सुरसा नामक रानी की कोख से यातुधान (राक्षस) उत्पन्न हुए। इला से वृक्ष, लता आदि पृथ्वी में उत्पन्न होने वाली वनस्पतियों का जन्म हुआ। मुनि के गर्भ से अप्सराएं जन्मीं। कश्यप की क्रोधवशा नामक रानी ने साँप, बिच्छु आदि विषैले जन्तु पैदा किए। ताम्रा ने बाज, गीद्ध आदि शिकारी पक्षियों को अपनी संतान के रूप में जन्म दिया। सुरभि ने भैंस, गाय तथा दो खुर वाले पशुओं की उत्पति की। रानी सरसा ने बाघ आदि हिंसक जीवों को पैदा किया। तिमि ने जलचर जन्तुओं को अपनी संतान के रूप में उत्पन्न किया।
महर्षि कश्यप ने रानी विनता के गर्भ से गरूड़ (भगवान विष्णु का वाहन) और वरूण (सूर्य का सारथि) पैदा किए। कद्रू की कोख से अनेक नागों का जन्म हुआ। रानी पतंगी से पक्षियों का जन्म हुआ। यामिनी के गर्भ से शलभों (पतिंगों) का जन्म हुआ। ब्रहा्रा जी की आज्ञा से कश्यप ने वैश्वानर की दो पुत्रियों पुलोमा और कालका के साथ भी विवाह किया। उनसे पौलोम और कालकेय नाम के साठ हजार रणवीर दानवों का जन्म हुआ जोकि कालान्तर में निवातकवच के नाम से विख्यात हुए।
मुनिराज कश्यप नीतिप्रिय थे और वे स्वयं भी धर्म-नीति के अनुसार चलते थे और दूसरों को भी इसी नीति का पालन करने का उपदेश देते थे। उन्होने अधर्म का पक्ष कभी नहीं लिया, चाहे इसमें उनके पुत्र या पत्नियां ही क्यों न शामिल हों। महर्षि कश्यप राग-द्वेष रहित, परोपकारी, चरित्रवान और प्रजापालक थे। वे निर्भिक एवं निर्लोभी थे। कश्यप मुनि निरन्तर धर्मोपदेश करते थे, जिनके कारण उन्हें श्रेष्ठतम उपाधि हासिल हुई। समस्त देव, दानव एवं मानव उनकी आज्ञा का अक्षरश: पालन करते थे। महर्षि कश्यप के अनुसार, ‘दान, दया और कर्म-ये तीन सर्वश्रेष्ठ धर्म हैं और बिना दान सब कार्य व तप बेकार हैं।’ महर्षि कश्यप हिंसा, अधर्म, असत्य, अनाचार, शोषण, अत्याचार, अहंकार, काम-वासना, ईष्र्या, द्वेष, लालच, फरेब आदि ‘तामसिक’ प्रवृतियां त्यागकर अहिंसा, धर्म, परोपकारिता, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा जैसी ‘सात्विक’ प्रवृतियां अपनाने के लिए प्रेरित करते थे। महर्षि कश्यप की असीम कृपा एवं अलौकिक ज्ञान के कारण ही राजा नरवाहनदत्त चक्रवर्ती राजा की श्रेष्ठ पदवी प्राप्त कर सका। महर्षि कश्यप अपने श्रेष्ठ गुणों, प्रताप एवं तप के बल पर श्रेष्ठतम महानुभूतियों में गिने जाते थे।

महर्षि कश्यप ने समाज को एक नई दिशा देने के लिए ‘स्मृति-ग्रन्थ’ जैसे महान् ग्रन्थ की रचना की। इसके अलावा महर्षि कश्यप ने ‘कश्यप-संहिता’ की रचना करके तीनों लोकों में अमरता हासिल की। महर्षि कश्यप द्वारा संपूर्ण सृष्टि की सृजना में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान की यशोगाथा हमारे वेदों, पुराणों, स्मृतियों, उपनिषदों एवं अन्य अनेक धार्मिक साहित्यों में भरी पड़ी है। ऐसे महातेजस्वी, महाप्रतापी, महाविभूति, महायोगी, सप्तऋषियों में महाश्रेष्ठ व सृष्टि सृजक महर्षि क’यप जी को पदम-पदम नमन््! (महर्षि कश्यप जी का फोटो संलग्न है।)(लेखक हरियाणा कश्यप राजपूत सभा द्वारा स्थापित ‘साहित्यिक एवं सांस्कृतिक सैल के ‘चेयरमैन’ हैं।’)

(राजेश कश्यप)
स्वतंत्र पत्रकार, लेखक एवं समीक्षक
स्थायी पता :
राजेश कश्यप
स्वतंत्र पत्रकार, लेखक एवं समीक्षक,
गाँव. टिटौली, जिला. रोहतक (हरियाणा)
मोबाईल. नं. ०९४१६६२९८८९

बुधवार, 12 मई 2010

राजेश कश्यप ‘साहित्यिक एवं सांस्कृतिक सैल’ के चेयरमैन एवं ‘प्रदेश मीडिया प्रवक्ता’ नियुक्त


राजेश कश्यप ‘साहित्यिक एवं सांस्कृतिक सैल’ के चेयरमैन एवं ‘प्रदेश मीडिया प्रवक्ता’ नियुक्त
हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप को तत्काल प्रभाव से नवगठितसाहित्यिक एवं सांस्कृतिक सैलके चेयरमैन एवंप्रदेश मीडिया प्रवक्तापद पर नियुक्त किया गया है। यह जानकारी देते हुए कश्यप समाज के सरपरस्त बलजीत सिंह मतौरिया ने आगे बताया कि राजेश कश्यप, टिटौली को उनकी अत्यन्त सराहनीय सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक योग्यताओं के आधार पर चेयरमैन जैसे गौरवमयी पद पर नियुक्त किया गया है और समाज के प्रति उनकी अटूट लग्न, निष्ठा एवं समर्पण भावना को देखते हुए ही प्रदेश के मीडिया प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। श्री मतौरिया ने पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि राजेश कश्यप रोहतक जिले के प्रधान पद के साथ साथ समाज द्वारा दी गई अतिरिक्त जिम्मेदारियों को भी पूर्व की भांति बखूबी निभाएंगे और समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे।
सभा के प्रदेशाध्यक्ष देशराज कश्यप ने राजेश कश्यप की नई नियुक्तियों का अनुमोदन कर दिया है और खुशी व्यक्त की है कि समाज के गौरव राजेश कश्यप को गौरवमयी पदों पर नियुक्तियां मिली हैं। राजेश कश्यप की नई नियुक्तियों का प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी एवं जिला कार्यकारिणी पदाधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया है और आशा व्यक्त की है कि वे अपनी प्रतिभा के बल पर समस्त समाज को एक नई दिशा दिखाने का काम करेंगे। रोहताश कश्यप, महेन्द्र सिंह कश्यप, बलबीर कश्यप, कृष्ण चन्द्र कश्यप, प्रदीप कश्यप, गंगा सिंह कश्यप, सुरेन्द्र कश्यप, ओमवीर कश्यप, ईश्वर कश्यप, रामलाल कश्यप, अन्नू कश्यप, जयभगवान कश्यप, सत्यवान कश्यप, प्रवीन कश्यप, जगबीर कश्यप, मनोज कश्यप, करतार सिंह कश्यप आदि कश्यप समाज के सभी गणमान्य व्यक्तियों ने राजेश कश्यप को हार्दिक बधाईयां एवं शुभकामानाएं दी हैं।
नई नियुक्तियों के लिए राजेश कश्यप ने हरियाणा कश्यप समाज का हार्दिक धन्यवाद किया और पूर्ण विश्वास दिलाया कि वे तन, मन, धन से दिनरात समाज की अटूट सेवा करते रहेंगे। राजेश कश्यप ने बताया कि उनके प्रमुख लक्ष्य कश्यप समाज के हर घर हर व्यक्ति तक पहुंचना, उनके दु:-दर्द को बांटना, समाज को एकजूट करना, समाज का छिपा हुआ गौरवमयी साहित्य सबके सामने लाना, समाज को कुरीतियों अंधविश्वासों से छुटकारा दिलवाना, समाज में व्याप्त गरीबी, बेकारी बेरोजगारी को दूर करना, समाज को राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक तौरपर मजबूत बनाना, समाज सरकार में समन्वय स्थापित करना आदि हैं।



सरपरस्त श्री बलजीत सिंह मतौरिया द्वारा जारी किया गया नियुक्ति पत्र



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