मंगलवार, 25 मई 2010

हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक ने बड़ी धूमधाम से महर्षि कश्यप जयंती मनाई और दीप जलाये

हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक ने ‘महर्षि कश्यप जयन्ती समारोह’ बड़ी धूमधाम से निर्माणाधीन कश्यप राजपूत धर्मशाला, फरमाणा मार्ग, महम में मनाया।
समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात समासेवक एवं साधक नरेन्द्र बाबा एवं विशिष्ट अतिथि धर्म सिंह सैनी महर्षि कश्यप की प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित करते हुए
समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात समासेवक एवं साधक नरेन्द्र बाबा एवं विशिष्ट अतिथि धर्म सिंह सैनी थे, जबकि अध्यक्षता सभा के जिला प्रधान राजेश कश्यप ने की। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्गार व्यक्त करते हुए नरेन्द्र बाबा ने कहा कि महर्षि कश्यप सृष्टि के सृजक एवं सप्तऋषियों में प्रमुख सप्तऋषि थे। महर्षि कश्यप ने अपने अलौकिक ज्ञान से समस्त सृष्टि का कल्याण किया। उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि यदि समाज महर्षि कश्यप के अलौकिक ज्ञान का अनुसरण करे तो निश्चित तौरपर सबका कल्याण होगा। विशिष्ट अतिथि धर्म सिंह सैनी ने अपने संबोधन में कश्यप समाज को जयन्ती एवं उसकी भारी सफलता के लिए बधाईयां दीं और समस्त समाज का आह्वान किया कि महर्षि कश्यप की शिक्षाओं का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करें।

समारोह के अध्यक्ष एवं हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप समारोह को संबोधित करते हुए
समारोह के अध्यक्ष एवं हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप ने महर्षि कश्यप जी की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके उपरांत उन्होंने समाज के असहाय, लाचार, विधवा, विकलांग, आपदाग्रस्त का शिकार व्यक्तियों की आपातकालीन मदद के लिए ‘महर्षि कश्यप कल्याण कोष’ स्थापित करने, कश्यप समाज के घर-घर पहुंचकर उनके दु:ख-सुख जानने के लिए ‘परिवार-परिचयावली’ भरवाने का अभियान चलाने, कश्यप समाज के उत्थान में अहम् भूमिका निभाने वाले समाजसेवकों, शिक्षकों, शिक्षार्थियों, अधिकारियों, नेताओं एवं मीडियाकर्मियों को प्रतिवर्ष ‘महर्षि कश्यप रत्न’ प्रदान करने जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की। श्री कश्यप ने कहा कि सरकार में हिस्सा हासिल करने एवं नौकरियों के लिए समाज को संगठित किया जाएगा और अपने हकों को हासिल करने के लिए जोरदार आन्दोलन चलाया जाएगा।
मंच पर विराजमान मुख्य अतिथि प्रख्यात समासेवक एवं साधक नरेन्द्र बाबा एवं विशिष्ट अतिथि धर्म सिंह सैनी

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि ने निर्माणाधीन कश्यप राजपूत धर्मशाला के लिए संयुक्त रूप से ५१००० रूपये, विशिष्ट समाजसेवक बसन्त कश्यप ने ११००० रूपये और महम के वार्ड २ के पार्षद रामफल रोहिल्ला ने ११०० रूपये का योगदान देने की घोषणा की। वित्तिय योगदान के लिए सभा के प्रधान राजेश कश्यप ने सबका अत्यन्त आभार व्यक्त किया। महम इकाई के प्रधान राधेश्याम ने समाज के लोगों से आह्वान किया कि वे धर्मशाला के निर्माण में अधिक से अधिक योगदान दें।

समारोह को संबोधित करते हुए हरियाणा कश्यप राजपूत सभा रोहतक के खजांची सत्यवान कश्यप

समारोह को सत्यवान कश्यप, महेन्द्र सिंह कश्यप, जयभगवान कश्यप आदि वक्ताओं ने भी संबोधित किया और सभी वक्ताओं ने सरकार से प्रतिवर्ष २४ मई को सरकारी अवकाश घोषित करने का आग्रह किया।

समारोह को संबोधित करते हुए हरियाणा कश्यप राजपूत सभा रोहतक ब्लोक के प्रधान महेंदर सिंह कश्यप कश्यप

जयन्ती समारोह में राजेश कश्यप, राधेश्याम कश्यप, रामलाल कश्यप, सत्यवान कश्यप, बलबीर कश्यप, बसन्त कश्यप, रामेश्वर कश्यप, कृष्णचन्द्र कश्यप, महेन्द्र सिंह कश्यप, जयभगवान कश्यप, रमेश कश्यप, प्रदीप कश्यप, अन्नू कश्यप, मनोज कश्यप, सतपाल कश्यप, जगबीर कश्यप आदि प्रमुख पदाधिकारियों, समाजसेवकों सहित कश्यप समाज के असंख्य गणमान्य लोग उपस्थिति थे।

जयन्ती समारोह में महिलाओं की बड़ी भागीदारी अत्यन्त सराहनीय रही।

इस अवसर पर लंगर भी लगाया गया।
इसके साथ ही घर - घर दीप व मोमबतियां जलायीं गयीं



समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों कि कटिंग्स :









जिला रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप द्वारा महर्षि कश्यप जयंती समारोह में दिए गए महत्वपूर्ण भाषण के कुछ अंश प्रस्तुत हैं . तीर के निशान पर क्लिक करके आप इन्हें देख और सुन सकते हैं :


जिला रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप द्वारा महर्षि कश्यप जयंती समारोह में दिए गए महत्वपूर्ण भाषण के कुछ अंश प्रस्तुत हैं । तीर के निशान पर क्लिक करके आप इन्हें देख और सुन सकते हैं.

5 टिप्‍पणियां:

harjeet kashyap ने कहा…

mare kashyapsamaj dino din unite karey cell no 9729791676

harjeet kashyap ने कहा…

dear sir rajesh kashyap i want suggest to please show list in yours web sites where are kashyap rajput darmsalas in haryana state it will be useful to connect more peoples of kashyap rajput samaj.and you should indicate how many MLA OF KASHYAP RAJPUT SAMAJ LIKE ASHOK KASHYAP FROM INLD FOR EXAMPLE
HARJEET KASHYAP
FROM NIT KURUKSHRTA
CELL NO 9729791676

harjeet kashyap ने कहा…

www.nirbhaybharattimes.blogspot.com

harjeet kashyap ने कहा…

The Jhinwar are a Hindu caste found in the states of Haryana and Punjab in India. They are also known as Dhimar, Jhimar and Kashyap Rajputs.[2] [3]
Contents
[hide]

* 1 Origin
* 2 Present Circumstances
* 3 See also
* 4 References

[edit] Origin

The Jhinwar claim to be descended from Kashyap rishi, who is said to have lived during the time of Lord Ram. They are found through out Haryana, and in that state speak Haryanvi. The community is divided into the Hindu and Sikh Jhinwar. These two groupings are effectively separate communities, with no intermarriage among them. The Jhinwar are said to be by origin Kahars.[4]

In Punjab, the Jhinwar are divided into two distinct groupings, the Sikh Jhinwar who are found in the districts of Patiala, Bhatinda, Sangrur, Faridkot and Ropar, and those of Jalandhar, Ludhiana and Amritsar who are known as Mehre and are Hindu. The Jhinwar are early followers of Sikhism, and from their community came Baba Himat Singhji, one of the Panch Piara. There is no intermarriage between Hindu and Sikh Jhinwar. [5]
[edit] Present Circumstances

The community is divided into different clans such as the Antal, Badran, Baison, Bhatiara, Bhatti, Brahia, Khokhar, Chalag, Chauhan, Dhonchak, Dhora, Gadri, Hadda, Inan, Inar, Jalan, Jhoka, Kalan, and Tuar. They are a strictly endogamous, but practice clan exogamy. The community speaks Haryanvi in Haryana, with the Sikh Jhinwar also speaking Punjabi. In neighbouring Punjab, the community speaks Punjabi.[6]

The Jhinwar seem to be a remarkanly composite caste, comprising several sub-groups. Further the division between the Sikh and Hindu Jhinwar is sharp. The community consists of a hundred and eleven exogamour clans, which are as follows:[7]

* Jhoje
* Titriya
* Lambsar
* Tawna
* Lalne
* Subhjauge
* Bagal
* Barni
* Barain
* Mausor
* Khubhjange
* Dube
* Rura
* Tinder
* Kangar
* Khas
* Sanotra


Traditionally the Jhinwar were water carriers and palanquin bearers, but both these occupations have been abandoned. A small number are now farmers, but a greater number are landless agricultural labourers or daily wage labourers. A large number of the community are now operating road side restaurants, a trade that seems to have been monopolized by the Jhinwar. Mamy in Punjab have become professional cooks. Others are involved in the cultivation of waternuts locally known as singhara. A significant number of Jhinwar in rural areas are agricultural labourers. [8]

बेनामी ने कहा…

Ram kumar kashyap krishan lal pawar subhash sudha harvinder kalyan