हरियाणा कश्यप राजपूत सभा ने एक याचिका-पत्र के माध्यम से गत १ अपै्रल को शुरू हुई महाजनगणना में ओबीसी का कॉलम भी जोड़ने के लिए राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल से अनुरोध किया है। यह जानकारी देते हुए हरियाणा कश्यप राजपूत सभा, रोहतक के प्रधान राजेश कश्यप ने बताया कि गत १ अपै्रल, २०१० से बहुद्देशीय महाजनगणना-२०१० अभियान शुरू किया जा चुका है। इसमें ३५ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर आंकड़े एकत्रित किये जा रहे हैं। लेकिन विडम्बना का विषय है कि इसमें ओबीसी को पूरी तरह नजरअन्दाज किया जा रहा है। श्री कश्यप ने आगे कहा कि ओबीसी की जनगणना १९३१ में की गई थी, जिसमें पता चला था कि देश में ओबीसी की संख्या ५२ प्रतिशत है। काका कालेलकर आयोग द्वारा १९५५ में दी गई रिपोर्ट में ओबीसी की जनसंख्या ५२ प्रतिशत मानकर ही उन्हें २७ प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की थी। इन सब तथ्यों के आधार पर स्पष्ट है कि ओबीसी का कालम एस.सी. व एस.टी. के साथ जनगणना फार्मेट में न जोड़ा जाना देश की आधे से अधिक जनसंख्या (५२ प्रतिशत) के साथ एकदम अन्याय है।
प्रधान राजेश कश्यप ने आगे बताया कि ओबीसी की जनगणना हुए ८० वर्ष बीत चुके हैं। स्थिति एवं परिस्थिति काफी बदल चुकी हैं। अब तक सिर्फ अनुमान पर आधारित आंकड़ों से काम चलाया जा रहा है। इस तरह न केवल ओबीसी वर्ग बल्कि पूरा दे’ा अंधेरे में है। ओबीसी वर्ग अपनी वास्तविक दशा को जानने की प्रबल इच्छा रखता है। श्री कश्यप ने बताया कि राष्ट्रपति महोदया से पत्र के माध्यम से अपील की गई है कि इस महाजनगणना-२०१० में एस.सी. व एस.टी. के कॉलम के साथ ओबीसी कॉलम भी तत्काल जुड़वाने के लिए तत्काल उचित कार्यवाही करें।
(राजेश कश्यप)
प्रधान, हरियाणा कश्यप राजपूत सभा , रोहतक
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