मंगलवार, 15 मार्च 2016

हरियाणा कश्यप राजपूत सभा 24 मई को ही मनाएगी ‘महर्षि कश्यप जयन्ती’

हरियाणा कश्यप राजपूत सभा 24 मई को ही मनाएगी ‘महर्षि कश्यप जयन्ती’
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आदरणीय मित्रो! एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184) आगामी 24 मई को ही प्रदेश स्तर पर ‘महर्षि कश्यप जयन्ती’ मनाएगी। मैं यह भी स्पष्ट कर दूँ कि 5 अप्रैल के पानीपत कार्यक्रम के प्रति किसी तरह की हमारी कोई दुर्भावना नहीं है। इस कार्यक्रम की सफलता की शुभकामनाएं व्यक्तिगत तौरपर मैं आदरणीय रघुनाथ तंवर जी को दे चुका हूँ। मैंने तो यह नम्र अपील की थी कि बहुत लंबे समय से हरियाणा में प्रतिवर्ष 24 मई को ही ‘महर्षि कश्यप जयन्ती’ प्रदेश स्तर पर मनाई जाती रही है। यदि यह परंपरा बनी रहे तो समाजहित में होगी। वैसे भी, हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184) ने बाकायदा प्रस्ताव पारित करके यह तिथि निर्धारित की हुई है। किस प्रदेश में किस तिथि को ‘महर्षि कश्यप जयन्ती’ मनाई जा रही है, यह सर्वविद्यित है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि प्रदेशों के प्रबुद्ध कश्यप मित्रों के साथ लगातार संवाद जारी है और यह कोशिश की जा रही है कि सभी संगठन एवं प्रबुद्ध लोग राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाएं और उसमें राष्ट्रीय स्तर पर ‘महर्षि कश्यप जयन्ती’ की एक तिथि तय करें। इस प्रस्ताव से हरकोई सहमत है। लेकिन, हमारा यह प्रयास अभी सफल नहीं हो पाया है। इसलिए, जहां जिस प्रदेश में जिस तिथि को महर्षि कश्यप जयन्ती का आयोजन हो रहा है, उसको नैतिक समर्थन है। चूंकि, हरियाणा में 24 मई को संवैधानिक व सामाजिक रूप से प्रस्ताव पारित करके ‘महर्षि कश्यप जयन्ती’ मनाने का निर्णय बहुत समय पहले लिया गया था। पिछले 10-15 वर्षों के दौरान समाज के संघर्षशील नेताओं, प्रबुद्ध लोगों और उर्जावान युवाओं ने इस जयंती को हरियाणा प्रदेश के कोने-कोने में पहुंचाने का कार्य किया। मैंने भी दैनिक हरिभूमि, दैनिक ट्रिब्यून, पंजाब केसरी, मिलाप आदि अनेक समाचार पत्रों, सौशल साईटों, ब्लॉग्स आदि में 24 मई/महर्षि कश्यप जयन्ती विशेष फीचर लेख लिखे और समाज के बीच महर्षि कश्यप जी की जीवनी जन-जन के बीच पहुंचाने की कोशिश की। इन लेखों की प्रतियां सार्वजनिक कार्यक्रमों में बांटी भी गई और पढ़ी भी गई। इस मामले में भाटों की सहायता भी ली गई। हरियाणा के राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यक्रम बड़े पैमाने पर 24 मई को ही ‘महर्षि कश्यप जयन्ती’ के रूप में ही आयोजित हुए हैं। अपवाद के तौरपर सभा ने एक बार 24 मई के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम को अपरिहार्य कारणों के चलते दो सप्ताह के लिए टालने को विवश होना पड़ा था। लेकिन, जयन्ती प्रदेश भर के कोने-कोने में 24 मई को ही धूमधाम के साथ मनाई गई थी। उस समय यह स्पष्ट कर दिया गया था कि हमारी जयन्ती तो 24 मई को ही मनेगी, लेकिन सरकारी कार्यक्रम की औपचारिकता बाद में करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, इस अपवाद को परिपाटी नहीं बनने दिया गया और दोबारा ऐसे निर्णय न लेने का फैसला किया गया। कहने का अभिप्राय यह है कि अपवाद को छोड़कर हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184) 24 मई को ही ‘महर्षि कश्यप जयन्ती’ मनाती आई है और जब तक इस तिथी में संवैधानिक रूप से नया प्रस्ताव या संशोधन नहीं होता है, तब तक सभा 24 मई को ही प्रदेश स्तर पर जयन्ती मनाएगी। बाकी अन्य संगठन किसी भी तिथि को महर्षि कश्यप जयन्ती मनाने को स्वतंत्र हैं। यदि कोई वर्ष के 365 दिन यह जयन्ती मनाना चाहे तो मना सकता है। लेकिन, मैंने तो 5 अपै्रल के सन्दर्भ में सिर्फ सुझावात्मक विनम्र अपील की थी। लेकिन, इस अपील पर मर्यादित जवाब देने की बजाय जिस तरह की बौखलाहट, अमर्यादित भाषा, विवेकहीनता, असहिष्णुता का परिचय दिया गया, वह सभ्य समाज के बीच सार्वजनिक है। मुझे व्यक्तिगत किसी से कोई द्वेष या ईर्ष्या या रंजिश कतई नहीं है। मैंने समाजहित में अपने नैतिक दायित्वों (बतौर सभा का प्रदेश मीडिया प्रभारी, प्रवक्ता, सूचना अधिकारी) का पूरी ईमानारी, निष्ठा एवं समर्पित भावना के साथ निवर्हन किया है। जब तक मैं इस दायित्व के साथ बंधा हूँ, अपने दायित्वों का निवर्हन करता रहूंगा। मेरा हमेशा प्रयास रहता है कि जब तक मौका मिला है तब तक कि ऐसे सुझाव व योगदान देता रहूं, जिससे समाज में व्यक्तिगत विद्वेष न फैले, स्वार्थी एवं संकीर्ण सोच का खात्मा हो, उदारवादी युवा अपने समाज का नेतृत्व करें, समाज समर्पित लोग सभा का नेतृत्व करें, हाशिये पर बैठे आखिरी व्यक्ति तक की सुध ली जाये, समाज समर्पित लोग समाज को आगे बढ़ाएं, समाज नई दिशा में आगे बढ़े। मुझे खुशी है इस दिशा में अच्छी प्रगति हो रही है। एक बार फिर विनम्र भाव के साथ स्पष्ट करना चाहता हूँ कि इस तरह के दायित्व निर्वहन में किसी सज्जन के दिल को ठेस पहुंची हो तो क्षमाप्रार्थी हूँ और भविष्य में पहंुचे तो अग्रिम क्षमा चाहता हूँ। लेकिन, मैं समर्पित एवं निष्ठा भाव के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने की ईमानदार कोशिश बराबर करता रहूंगा। इसके लिए चाहे मुझे शाबासी मिले अथवा गुस्सा झेलना पड़े। जब मुझे लगेगा कि मैं अपने दायित्वों का निहर्वन भलीभांति नहीं कर पा रहा हूँ तो आप सबको माफी के साथ अपना समर्पण कर दूंगा। आप सबके स्नेह, सहयोग, आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन की कामना के साथ आप सबका धन्यवाद एवं सादर आभार।
-राजेश कश्यप ‘टिटौली’
प्रदेश मीडिया प्रभारी, प्रवक्ता एवं सूचना अधिकारी,
हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184)

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