*******************
आदरणीय
मित्रों! हम सब युवाओं के लिए ‘कैरियर’ जीवन का मुख्य आधार है। जिस युवा
मित्र का किसी भी क्षेत्र में किसी वजह से ‘कैरियर’ नहीं बन पाता, वह पिछड़
जाता है और हताशा व निराशा का शिकार हो जाता है। बेरोजगारी, बेकारी व
मार्गदर्शन के अभाव में वह अवसाद का शिकार हो जाता है और फिर धीरे-धीरे वह
अपराध मार्ग या आत्महत्या की तरह अग्रसित होता चला जाता है। सरकारी नौकरी
के जुगाड़ में समय और पैसा दांव पर लग जाता है। ऐसे युवा मित्र न तो स्वयं
सुखी रह पाता है और न ही परिवार को सुख दे पाता है। वह युवा मित्र आक्रोश व
गुस्से की ज्वाला में धधकने लगता है। संकीर्ण राजनीतिक व असामाजिक तत्व
उसका गलत फायदा उठाते हैं और उनको अपराधिक कार्यों में धकेल देते हैं। कभी
‘आरक्षण’ के नाम पर, कभी ‘जाति/बिरादरी/धर्म/मजहब’ के नाम पर और कभी
अनाप-शनाप सपने दिखाकर युवा मित्रों का गलत इस्तेमाल किया जाता है। इससे
राष्ट्रीय एकता, अखण्डता एवं सामाजिक सद्भावना तो खण्डित होती ही है, साथ
ही हम सबका जीवन भी बर्बाद होता है।
यदि
हम सब युवा अपना कैरियर बनाने में सफल हो जाते हैं तो सभी समस्याओं का
निवारण हो सकता है। लेकिन, संकीर्ण राजनीतिक व असामाजिक लोग कभी नहीं
चाहेंगे कि इस समस्या का निवारण हो, क्योंकि बेरोजगार व बेकार लोग ही उनके
वोटों व महत्वाकांक्षाओं का मुख्य आधार हैं। लेकिन, यदि हम चाहें तो इस
समस्या का सहज निवारण कर सकते हैं।
इसके
लिए मैंने ‘कैरियर मित्र मंच’ की स्थापना की संकल्पना एवं संभावनाओं पर
गहरा चिन्तन किया है। इस मंच पर जाति/बिरादरी/धर्म/वर्ग विशेष आदि को
भुलाकर सब लोग ‘कैरियर निर्माण’ में सामूहिक रूप से एक-दूसरे के सहयोगी
मित्र बनें, यथासंभव एक दूसरे की यथोचित मदद करें और एक-दूसरे का
मार्गदर्शन एवं अवसरों को सांझा करें तो निःसन्देह, हम कामयाबी के शिखर को
बड़ी सहजता के साथ छू सकते हैं।
जो
सज्जन पुरूष सरकारी/गैर-सरकारी/कंपनी/स्वरोजगार आदि किसी भी क्षेत्र में
कार्यरत हैं/सेवारत हो चुके हैं, उन सबको भी बड़े सम्मान के साथ इस
‘कैरियर-मित्र मंच’ की शोभा बनाएं और उनके अनुभवों व सुझावों का लाभ उठाएं
तो हम सब लाखों-करोड़ों युवा मित्रों की राह बेहद आसान हो जायेगी। क्योंकि,
असंख्य मित्र तो समय पर सही मागदर्शन न मिल पाने और हौंसला न मिल पाने की
वजह से पिछड़ जाते हैं।
इस
मंच के माध्यम से हम सब युवा मित्र किसी भी परीक्षा की तैयारी करने, नोट्स
सांझा करने या फिर पाठ्य सामग्री सांझा करने में एक-दूसरे की मदद कर सकते
हैं। इसके अलावा भी अन्य कई रचनात्मक गतिविधियां भी संचालित की जा सकती
हैं।
क्या
यह सब संभव हो सकता है? यदि हाँ तो क्या आप इस लक्ष्य का हासिल करने में
जाति/बिरादरी/धर्म/मजहब आदि सब दीवारों को गिराकर एक सच्चे इंसान के रूप
में इस ‘कैरियर मित्र मंच’ से जुड़ना पसन्द करेंगे? कृपया अपनी बेबाक व
ईमानदार राय देने की कृपा करें। सादर,
-आपका स्नेहाकांक्षी,
राजेश कश्यप ‘टिटौली’
मोबाईल नं.: 9416629889
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें