शनिवार, 10 सितंबर 2016

गाँव हरसोला (कैथल) के पीड़ित कश्यप परिवार की दर्दनाक दास्तां


गाँव हरसोला (कैथल) का  पीड़ित कश्यप परिवार 
गाँव हरसोला (कैथल) के पीड़ित कश्यप परिवार की दर्दनाक दास्तां
-राजेश कश्यप 

मैंने आज दिनांक 10 सितम्बर, 2016 को गाँव हरसोला (कैथल) के पीड़ित कश्यप परिवार से मुलाकात की और परिवार के दर्द को बांटने व उन्हें सहानुभूति देने की भरपूर कोशिश की। उनसे घटना से जुड़ी हर बात की और उन्हें पूर्ण विश्वास दिलाया कि पूरा हरियाणा कश्यप समाज पीड़ित परिवार के साथ डटकर खड़ा है। पीड़ित परिवार से मिलने के लिए मेरा विशेष सहयोग कैथल के मित्र एवं वरिष्ठ समाजसेवी रोहताश कश्यप ने किया। उनके साथ मोटरसाईकिल पर खेतों की राह ढ़ंढ़ते पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। पीड़ित कश्यप परिवार गाँव से एक किलोमीटर दूर खेतों में मकान बनाकर निर्वाह कर रहा है। यह कैथल शहर से छह-सात किलोमीटर दूर अप्रोच रोड़ पर पड़ता है। पीड़ित परिवार से रूबरू होने के बाद जो तथ्य उभरकर सामने आए, उन्हें आपके साथ सांझा कर रहा हूँ। उम्मीद है पीड़ित कश्यप परिवार की यह व्यथा पूरे समाज व सरकार तक पहुंचेगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का मार्ग प्रशस्त हो पायेगा।
पीड़ित कश्यप परिवार के बीच राजेश कश्यप 
अज्ञात बदमाशों की दहशत में है परिवार!
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गाँव हरसोला (कैथल) का कश्यप परिवार अज्ञात बदमाशों की दहशत में सिहर रहा है और भारी सदमें व दहशत में है। जबसे उसकी चार बच्चियों के साथ अपहरण की घटना घटी है, वे न तो चैन से कुछ खा पा रहे हैं और न ही चैन से सो पा रहे हैं। जब भी उनके बीच कोई हमदर्दी व सहानुभूति लेकर दर्द बांटने पहुंचता है, उनके सामने पूरी घटना जीवंत हो उठती है और पीड़ित परिवार के मुखिया का ब्लड-प्रेशर एकदम गिर जाता है। थोड़ी सी बातचीत के बाद वह अचेत हो जाता है और काफी देर बाद सामान्य हो पाता है। कहीं ऐसी घटना फिर से न घट जाए, यही डर पूरे परिवार को खाए जा रहा है। 
रात को स्वयं देते हैं ठीकरी पहरा
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पीड़ित परिवार को पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई है। रात को पीड़ित परिवार के सदस्य व रिश्तेदार चार-चार घण्टे जागकर ठीकरी पहरा दे रहे हैं। उनकीं रातों की नींद और दिन का चैन हराम हो चुका है। परिवार का कोई भी सदस्य ठीक से कुछ भी नहीं खा पा रहा है। एक अनजाना भय व दहशत हर किसी में समाई हुई है।
किसी से कोई रंजिश नहीं
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पीड़ित परिवार का स्पष्ट कहना है कि उनकी किसी के साथ कोई रंजिश नहीं है। वे मजदूरी करके गुजारा करने वाले लोग हैं। उन्हें यह समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिर उनके साथ यह घटना कैसे घट गई? आखिर उनकीं मासूम बच्चियों का किसी ने क्या बिगाड़ा था?
दाल में लगता है कुछ काला
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सदमें और खौफ से जूझ रहे पीड़ित कश्यप परिवार भले ही किसी से कोई रंजिश नहीं होने की बात कह रहा है, लेकिन कहीं न कहीं उनके हावभावों से लगता है कि वे बदमाशों के बारे में जानते हैं। लेकिन, वे उनके नाम उजागर करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं उन्होंने अपना मुंह खोल दिया तो उसका अंजाम इससे भी भयंकर न हो जाये। एक माह पहले घर के निकट आवारागर्दी से रोकने पर एक युवक ने उन्हें देख लेने की धमकी दी थी, जिसके आधार पर पीड़ित परिवार ने पुलिस के सामने उस युवक को नामजद करवाया था। पुलिस ने उसे सड़क पर समाज के रोष प्रदर्शन के भारी दबाव के बाद गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन, अब पीड़ित परिवार ने गिरफ्तार युवक की पैरवी करने वाले लोगों के भारी दबाव के बीच उस युवा को चेतावनी के साथ रिहा करवाने पर सहमति दे दी है। लेकिन, जानकार लोगों का मानना है कि इस घटना के तार उस युवक से जुड़े हो सकते हैं। यदि पुलिस सख्ती से पूछताछ व जांच पड़ताल करे तो मामला चुटकियों में सुलझ सकता है। 
परिवार के मुखिया के 9 बच्चे हैं
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पीड़ित परिवार के मुखिया के 9 बच्चे हैं, जिनमें 8 लड़कियां हैं। चार लड़कियों के बीच एक लड़का है। वह शादीशुदा है और चिनाई का काम करता है। बड़ी चार लड़कियों की शादी की जा चुकी है और शेष चार लड़कियां अभी नाबालिग हैं। ऐसे में मुखिया को दोहरी चिंता है कि कहीं उनकी बेटियों के साथ फिर से कोई अनहोनी घटना न घट जाए या फिर बदमाश उनके लड़के को निशाना न बना लें। इस तरह की कल्पनाओं के बीच पीड़ित परिवार को कुछ भी नहीं सूझ रहा है कि वह ऐसे में करें तो क्या करें?
जमीन हो सकती है असली वजह!
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पीड़ित परिवार का मुखिया खेतीबाड़ी का काम करता है। वे तीन भाई हैं, जिनमें वह सबसे छोटा है। तीनों भाईयों के हिस्से दो-दो एकड़ जमीन आती है और सड़क के साथ लगती बेहद उपजाऊ है। स्थानीय लोग दबी जुबान में संदेह जाहिर कर रहे हैं कि कहीं किसी की निगाह पीड़ित परिवार की जमीन पर तो नहीं है। वे ऐसी दहशत का माहौल बनाना चाहते हैं कि यह कश्यप परिवार कुछ समय पहले सैकड़ों दलितों की तरह दहशत में आकर गाँव से पलायन कर जाये अथवा अपनी जमीन औने-पौने दामों में बेचकर कहीं ओर जगह रहने लग जाए। लोगों को शंका है कि इस घटना के पीछे जमीन पर निगाह गाड़ने वाले असामाजिक तत्व जुड़े हो सकते हैं। हरसोला में कश्यप समाज के लगभग 150 घर हैं। 
पुलिस कश्यप समाज पर लाना चाहती है दबाव!
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कैथल के पिहोवा चौंक पर पीड़ित परिवार की सुध न लेने से आक्रोशित कश्यप समाज के लोगों ने जबरदस्त धरना-प्रदर्शन किया था। इससे पुलिस दबाव में आई और पीड़ित परिवार की सुध ली। इसके बाद कानूनी कार्यवाही पुलिस द्वारा शुरू की गई। अब चूंकि कश्यप समाज ने सोमवार तक का अल्टीमेटम देते हुए पुलिस प्रशासन को साफ तौरपर कह दिया है कि यदि पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिला और सभी 8 बदमाश गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाए तो कश्यप समाज मंगलवार से प्रदेशव्यापी आन्दोलन शुरू करने और सड़कों पर उतरने के लिए विवश हो जायेगा। इस बीच, कश्यप समाज पर दबाव बनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने 8 व 9 सितम्बर को धरना प्रदर्शन करने वाले सैकड़ों लोगों को सड़क अवरूद्ध करने के आरोप में पर्चा दर्ज करने की तैयारी कर रही है। इससे पूरे कश्यप समाज में भारी आक्रोश है और इसे पुलिस द्वारा समाज को भड़काने वाला कदम माना है। पुलिस दोषियों को ढ़ूंढ़ने की बजाय न्याय मांग रहे लोगों को प्रताड़ित करने की राह पर आगे बढ़ रही है। 
एडवोकेट कृष्ण लाल कश्यप
समाज तकनीकी व कानूनी पहलूओं पर पीड़ित परिवार की मदद करे: एडवोकेट कृष्ण लाल सिंह
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पीड़ित परिवार के लिए निःशुल्क कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ा रहे एडवोकेट कृष्ण लाल कश्यप से हुई विशेष मुलाकात में उन्होंने कश्यप समाज से आग्रह किया है कि वे कोई भी ऐसा कदम न उठाएं, जिससे किसी तरह के कानून की अवहेलना होती हो। समाज पीड़ित परिवार को तकनीकी व कानूनी पहलूओं पर मदद करे तो अधिक बेहतर होगा। 
सोमवार को तय होगी आगे की रणनीति
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कश्यप समाज को पूरा यकीन है कि पुलिस सोमवार तक मामले को पूरी तरह सुलझा देगी और सभी दोषियों की गिरफ्तारी हो जायेगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो समाज के वरिष्ठ गणमान्य लोग आगे की रणनीति तय करेंगे। इसके साथ ही प्रदेशव्यापी आन्दोलन शुरू करने की भी घोषण की जा सकती है। 
समाजसेवीगण
पीड़ित परिवार से मिलकर दर्द बांटने वाले समाजसेवीगण
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श्री देशराज कश्यप, श्री सुलतान कश्यप, श्री रोहताश कश्यप, श्री कृष्णलाल कश्यप एडवोकेट, श्री नफे सिंह, श्री मोहन लाल, श्रीकृष्ण कश्यप देवबन, श्री रमेश कश्यप, श्री लाल सिंह कश्यप, श्री राजकुमार कश्यप, श्री सुमेर कश्यप, श्री सुरेश कश्यप, श्री रामेश्वर कश्यप, श्री नरेश कश्यप, श्री राजेश कश्यप आदि-आदि सैंकड़ों समाजसेवी पीड़ित परिवार से मिलकर ढ़ांढ़स बंधा चुके हैं। यहां सभी के नाम देना संभव नहीं हो पा रहा है। हरियाणा कश्यप राजपूत सभा की मुख्य प्रशासनिक कमेटी के अध्यक्ष आदरणीय श्री बलजीत सिंह मतौरिया पूरे मामले पर कानूनी नजर बनाए हुए हैं। पीड़ित परिवार ने सभी समाजसेवियों का आभार व्यक्त किया है कि वे सब संकट की घड़ी में उनके साथ खड़े हुए हैं। 
सभी समाजसेवियों व संगठनों से आह्वान
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सभी समाजसेवियों व सामाजिक संगठनों का आह्वान किया जाता है कि वे आपसी मतभेद भुलाकर और दल या संगठन से ऊपर उठकर पीड़ित परिवार की समुचित मदद करें और उनकीं ताकत बनें। यही मानवता की असली पहचान है।
इस छत से अपह्रत हुई नाबालिग लड़कियां
क्या है पूरा मामला?
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हरियाणा जिले के कैथल गाँव में गत 8 सितम्बर, 2016 की रात को एक कश्यप परिवार की चार नाबालिग बेटियों को नशीला पदार्थ सुंघाकर अपहरण कर लिया गया। इन बेटियों की उम्र 9 वर्ष से 15 वर्ष के बीच है। ये बेटियां अपने घर की छत पर सो रहीं थीं। अज्ञात युवकों ने सो रहे पूरे परिवार को नशीला पदार्थ सुंघा दिया, यहां तक कि कुत्तों को भी बेहोश कर दिया गया। परिवार के लोगों को जब सुबह होश आया तो उन्हें वारदात का पता चला कि चार बेटियां गायब हैं। बेटियों के गायब होने की सूचना तितरम थाने में दर्ज करवाईं गईं। उनकीं काफी तलाश करने के बाद चारों बेटियों को बेहोशी की हालत में घर से तीन किलोमीटर दूर ज्वार के खेत में पड़ा पाया। 
ज्वार के इस खेत से बेहोशी की अवस्था में मिलीं अपह्रत लड़कियां  
इसकी सूचना पुलिस को दी गई। समय पर समुचित कार्यवाही न होने से ग्रामीण भड़क गए और पीड़ित परिवार के समर्थन में उतरकर पेहवा चौंक पर जाम लगा दिया। मौके पर एसडीएस मनदीप कौर पहुंची और आक्रोशित लोगों को समझाया और जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने का आश्वासन दिया। इसके बाद पुलिस ने 8 अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण व नशीला पदार्थ सुंघाने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया। 


चारों बहनों की मैडीकल जांच होने के बाद बयान भी दर्ज हो चुके हैं। एक आरोपी की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। पीड़ित परिवार ने जल्द से जल्द अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार करने की मांग की है। उधर, हरियाणा कश्यप राजपूत सभा के पदाधिकारियों ने एसपी से मुलाकात करके सोमवार तक का सख्त अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि आरोपी जल्द से जल्द गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाए गए तो आगामी मंगलवार से प्रदेशव्यापी आन्दोलन छेड़ दिया जायेगा और सड़कों पर उतरकर भारी धरना-प्रदर्शन शुरू हो जायेगा।
माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी
माननीय मुख्यमंत्री लें संज्ञान
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इस मामले में माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी स्वयं संज्ञान लें और विशेष एसआईटी गठित करके मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का आदेश करें। यदि बदमाश जल्द से जल्द सलाखों के पीछे नहीं पहुंचेंगे तो पीड़ित परिवार के साथ कोई भी अनहोनी वारदात हो सकती है। स्थानीय पुलिस प्रशासन को पीड़ित परिवार की सुरक्षा के पुख्ता प्रबन्ध के आदेश दिए जाने चाहिएं। 
मोटरसाईकिल पर रोहताश कश्यप के सहयोग से पीड़ित परिवार के बीच पहुंचे राजेश कश्यप 

(नोट: पीड़ित परिवार से मुलाकात एवं हालातों का बारीकी से जायजा लेने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।)

पीड़ित परिवार की व्यथा: लाईव
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पीड़ित परिवार की दर्दनाक व्यथा इस विडियो में देखिए:






प्रस्तुति:
-राजेश कश्यप ‘टिटौली’
(स्वतंत्र पत्रकार, लेखक एवं समीक्षक)
एवं
प्रदेश मीडिया प्रभारी, प्रवक्ता एवं सूचना अधिकारी,
मुख्य प्रशासनिक कमेटी,
हरियाणा कश्यप राजपूत सभा (रजि. 184)

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